· Ye
gazlo ki duniya bhi ajeeb hoti hai
Yaha
aashuo ka bhi jam banaya jata hai
Arz
kar dete hai dard - e - dastaan
Aur
log kehte hai kya khoob kaha hai L
Nazar
nazar ka fer hai yaaro
Unhe
nagma aur hume usme chupa dard nazar aata hai
Koi
gaalib koi shayar keh jata hai
Paher
do paher kese beet ta hai yeh koi nahi jaanta hai
ये गजलो की दुनिया भी अजीब होती है
यहाँ आशुओ का भी जाम बनाया जाता है
अर्ज़ कर देते है दर्द - ए - दास्तान
और लोग कहते है क्या खूब कहा है
नज़र नज़र का फेर है यारो
उन्हें नगमा और हमे उसमे छुपा दर्द नज़र आता है
कोई ग़ालिब कोई शायर कह जाता है
पहर दो पहर केसे बीतता है यह कोई नहीं जानता है
यहाँ आशुओ का भी जाम बनाया जाता है
अर्ज़ कर देते है दर्द - ए - दास्तान
और लोग कहते है क्या खूब कहा है
नज़र नज़र का फेर है यारो
उन्हें नगमा और हमे उसमे छुपा दर्द नज़र आता है
कोई ग़ालिब कोई शायर कह जाता है
पहर दो पहर केसे बीतता है यह कोई नहीं जानता है
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